Father day
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-*शंभु चौधरी*-
पिता, पिता ही रहे ,
माँ न बन वो सके,
कठोर बन, दीखते रहे
चिकनी माटी की तरह।
चाँद को वो खिलौना बना
खिलाते थे हमें,
हम खेलते ही रहे,...
आपणी भासा म आप’रो सुवागत
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सोमवार, 19 मई 2008
Kanhaiyalal Sethia / कन्हैयालाल सेठिया
कन्हैयालाल सेठिया द्वारा लिखित "अग्निवाणी" की वह मूल प्रति जिस पर मुकदमा चला था।
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