घणा दिनां सूं राजस्थानी लिपि बनाणै’री चेष्टा जारी ही। मोडिया लिपि (MURIA LIPI) खोजी, अभ्यास कियो। अब जा’र कुछ रूपक त्यार कर पाऊं हूँ। संतोष तो घणो कोणी होयो। पर एक छोटो सो प्रयास कियो है, जो आप सबां’रे सामणै है। कि-बोर्ड’री फान्ट भी बनाने’री घणी चेष्टा करी। सफल कोणी हो पायो। आपां सैं मिल’र फान्ट निर्माण रो प्रयास कर सकां हां। यदि कोई जानकार मित्र मिल जावै तो यो काम आसान हो जासी। -आपणी भासा णै समर्पित।
राजस्थानी अक्षरों का संयुक्त प्रयोग
‘र’ अक्षर का संयुक्त प्रयोग में ‘कृ’ को ‘क्री’ लिखा जाता रहा है। परन्तु इन दिनों इसका दोनों प्रयोग स्वीकार है। उदाहरण के तौर पर ‘पृथ्वी’ को प्रिथ्वी या ‘परथवी’ भी लिखा जाता रहा है। ‘र’ अक्षर को तीन प्रकार से जोड़ा जाता है। देखें-
कारय - कार्य, [ यहाँ ‘र’ के साथ ‘य’ को संयुक्त किया गया है। ]
करम - क्रम [ यहाँ ‘क’ के साथ ‘र’ को संयुक्त किया गया है।]
किरति - कृति [ यहाँ ‘कि’ के साथ ‘र’ को संयुक्त किया गया है।]
राजस्थानी भासा में अक्षरों का संयुक्त प्रयोग आधुनिक राजस्थानी भासा के जनक ‘शिवचंद्र भरतिया’ जो कि 19वीं शताब्दी के प्रथम उपन्यासकार लेखक माने जाते हैं से माना जा सकता है। आपने अपने राजस्थानी नाटकों में संयुक्त अक्षरों का प्रयोग खुलकर किया है।
यहाँ हम राजस्थानी भासा में संयुक्त अक्षरों के प्रयोग को देखेगें।
ज्ञ को ग्य, जैसे ज्ञान - ग्यान
‘ज्ञ’ के बदले ग्य का प्रयोग राजस्थान की लिपि में अक्षरों के कमी के चलते था। चुकि अब देवनागरी के ‘ज्ञ’ को राजस्थानी लिपि में ग्रहित कर चुकी है इसलिए इसके दोनो विकल्प सही माने जाते है, फिर अभी भी बहुत सारे साहित्यकार ‘ग्य’ अक्षर को ही सही मानते हैं। उनका मानना है कि ‘ग्य’ अर ‘ज्ञ’ दोनों के उच्चारण करने में कोई अंतर नहीं रहते हुए भी आधुनिक साहित्यकारों ने अभी तक का जो साहित्य रचा है उसमें ‘ग्य’ अक्षर का ही प्रयोग जारी रखा है।
इसी प्रकार देवनागरी या हिन्दी में ‘र् यो’ शब्द को राजस्थानी में ‘र् अर य’ को ‘र्य’ की तरह न दिखाकर ‘‘र् अर य ’’ को जुड़ा दिखया जाता है। इनमें पधार्+योड़ा, पड़्यो, पढ़्या आदि शब्दों की तरफ सहज ही आपका ध्यान चला जायेगा। ‘ऋतु’ को ‘रितु’ और ‘ऋषि’ को ‘रिसी’ का प्रयोग राजस्थानी भाषा में आम प्रचलन है। इसीप्रकार ‘संस्कृति’ शब्द को ‘संस्क्रति’ , ‘प्रगट’ को ‘परगट’ और ‘सर्वसम्मति’ को ‘सरबसम्मति’ किया जाता है।
इस विषय में राजस्थानी में प्रयोग को हम नीचे दिये गये चित्र में देखेगें।
यहाँ मोडीया में ‘क’ अक्षर के बदलते स्वरूप को नीचे दिये गये चित्र में देखेगें।
तुलनात्मक अध्यनः
गुजराती, पंजाबी और बंगाल की लिपि में अंतर -
गुजराती, पंजाबी और बंगाल की लिपि में अंतर -
राजस्थानी लिपि पर काम करते वक्त इस बात पर भी ध्यान दिया कि राजस्थान प्रान्त से लगे दो प्रान्त और बंगाल प्रान्त जो राजस्थान की भासा व संस्कृति से काफी प्रभावित रहा है उनकी लिपि में व राजस्थान की लिपि, देखने में कैसे नजर आतें हैं। देखें चित्र-
संशोधन सूझाव प्राप्त:
मोड़ीया / मुडिया लिपि (MURIA LIPI)लिपि के कुछ अक्षरों का हुबहु नकल नीचे बनाये गये हैं। राजस्थानी लिपि बनाते समय ये दानों अक्षरों को ध्यान में रखा जाना है। जैसे-जैसे सूचना सार्वजनिक होती जा रही है मेरे पास कुछ सूचनाऐं विभिन्न स्त्रोंतो से आनी शुरू हो गई है। यदि आप इसमें कोई सूझाव देना चाहें अथवा कोई जानकारी भेजना चाहें तो मेरे ईमेल पते पर आप भी संपर्क कर सकते हैं।
ehindisahitya(@)gmail.com
'छ' अर 'स' कडी कडी 'ह' होवे ह जिया
जवाब देंहटाएंकाई हाल छे ==> काई हाल हे
आणे रला'र कोई संजुक्त आखर कोण के ?
आप’री बात मणै आप फोन पर समझाणै री चेष्टा कर सको हो।
जवाब देंहटाएंम्हारा फोन न॰ 09831082737 है।
आपका स्नेह सूं-
शंभु चौधरी
Numbers kaise likhti hai rajasthani modiya lipi mein aur kuch aap kitaab bata sakte hai jo rajasthani modiya lipi mein likhi ho.
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएं"हम घर जाएँगे।" ताईं कैं होवे छे "म्है जण घर जासी।" ज्या "म्है जण घर जास्याँ।"
जवाब देंहटाएंद्र, त्र, क्र, ओ, औ, ऋ, कृ और अं, अँ कैसे लिखेंगे मोड़िया में?
जवाब देंहटाएंमोड़िया लिपि में संयुक्त अक्षरों का प्रयोग नहीं होता था इसलिए उपरोक्त अक्षरों को लिखने के लिए साधारनतः दो या तीन अक्षरों का प्रयोग किया जाता था।
हटाएंहु भी चाहू के ओपणी लिपि होवे
हटाएंथाणे प्रयास नू शाबाश देऊ
मे भोजराज चौधरी जोधपूर सू
राम राम सा खमा घणी
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Who gave this script?? matlab iska Janak kaun tha??
जवाब देंहटाएंWho gave this script?? matlab iska Janak kaun tha??
जवाब देंहटाएंकालो को राजस्थानी में कैसे लिखे
जवाब देंहटाएंKya hindi bhi marwadi ki copy he
जवाब देंहटाएंये झूठ बोला रहे है क्योंकि राजस्थानी भाषा नहीं बोली है मतलब हिंदी का हिस्सा है।ओर जब ये बोली है तो इसका लिपि कैसे होगे।क्यों बिना मतलब को हिंदी को तोड़ रहे हो।राजस्थानी का कोई लिपि नहीं है ये तो देवनागरी मतलब हिंदी कि हिस्सा है।जिस दिन हिंदी भाषा कमजोर हुई उस दिन सारे भारतीय भाषा खत्म हो जाएगी।क्योंकि इंग्लिश का सबसे बड़ा टक्कर हिंदी से है ओर हिंदी खत्म सारे बोली ओर भाषा खत्म हो जायेगी।जय श्री
जवाब देंहटाएंभाई हम भी हिन्दी समर्थक हैं परंतु आप जो यह बात कर रहे हो वो सही नही है जब हम घर, पड़ोस, अपने क्षेत्र में जो भाषा बोलते हैं उनका एक लिपि बद्ध कार्य हमारे पुर्वज करके गये है तथा जो यह राजस्थानी मोडिया लिपि है यह एक हजार साल पुरानी मारवाड़ी और व्यापारी लिपि है आज भी आप राजस्थान के शाही संग्रहालय में जाके वहां के 400-500 वर्ष पुराने लेख देखो उन में यह ही भाषा मिलेगी। और राव जो हमारे बही(पुर्वजों के नाम) सूनाने आते हैं उनके पास यही भाषा है। और रही बात हिन्दी की हम हिन्द के हैं और हिन्दी हमारी शान है यदि आप गूजरात जाते हो सारे लोग गुजराती बोलते हैं परंतु यह नहीं की उनको हिन्दी आती नही है उनका भी हिस्सा है 80 करोड़ हिन्दी बोलने वालों में। और मराठी एक भाषा है जो मोड़ी लिपि की है वहां सारे मराठी बोलते हैं परंतु उन सारो को लिखनी आये यह संभव नहीं, ऐसे बहुत मराठी है जिनको मराठी लिखनी नहीं आती पर वह हिन्दी लिखते बोलते हैं पर अपने जगह में अनका वार्तालाप मराठी में ही होगा तो उनका योगदान भी हिन्दी में है।
हटाएंऔर मैं खुद हिन्दी साहित्य से पीएचडी कर रहा हूँ उनमें मारवाड़ी भाषा को हिन्दी से भी पुरानी बताया है। तथा अपभ्रंश, प्राकृत, पालि में भी मारवाड़ी भाषा का जिक्र है।
और हङप्पा सभ्यता में भी मारवाड़ी भाषा का लेखाकार तथा हिसाब-किताब में प्रयोग किया है जिसमें यही मोड़िया लिपि है।
मै अशोक सोनी मोडिया लिपि को समर्थन करता हूँ तथा इस लिपि में कुछ संसोधन करना चाहता हूं जो 200 साल पुराने हस्तलेख के अनुसार है।
हटाएंMail I'd - Ashksoni28@outlook.com
Ashok ji aap k number send me Satyanarayan nathdwara 9929014223
हटाएंsun bhai Rajasthani lagbhag 1300AC me Gurjari se alag huyi thi aur Hindi to abhi 1800-1900 AC me bani h to Rajasthani aur Hindi alag alag bhashaye h
हटाएं#ओपरी_भासा हटाओ। राजस्थानी बंचाओ। राजस्थानी नै खत्म करण में #ओपरी_भासा रो भोत योगदान है। Say good bye to Chindi bhasa
हटाएंSay good bye to Chindi bhasha.
हटाएंभोत चोखो।
जवाब देंहटाएंHii
जवाब देंहटाएंमेरे पास हमारी जमीन का कागज रखा है जो इसी लिपि में लिखा हुआ है पर हम कोई लोग उसे पढ़ नही पा रहे। कोई हेल्प कर सकता है क्या
जवाब देंहटाएंअति उत्तम, सराहनीय प्रयास है आपका।
जवाब देंहटाएंमैं भी चाहता हूं कि जो सभी भाषाएं को सम्मान मिले वह मेरी भाषा को भी मिले राजस्थानी भाषा को
जवाब देंहटाएंHow to Make a Lucky 10 casino slot machine - Dr. McD
जवाब देंहटाएंThe first step is to 양주 출장샵 make a 용인 출장안마 lucky 김해 출장샵 10 casino slot machine with the fastest possible speed and play speed. These machines are usually a very popular form of 군포 출장샵 gambling. 순천 출장샵
मैने भी 2016 में एक लिपि बनाने का प्रयास किया है पर मै चाहती हूं कि मै इसे देशहित मे समर्पित करू
जवाब देंहटाएंपर ये सब कैसे होगा मुझे अभी इस बारे मे विचार नहीं है