आपणी भासा म आप’रो सुवागत

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शनिवार, 27 जून 2009

राजस्थानी लोकगीत

1. एक बार आओजी जवाईजी पावणा
एक बार आओजी जवाईजी पावणा
थाने सासूजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना
सासूजी ने मालुम होवे म्हारे भाई आज होयो
म्हारे घरे से मौक्ळो काम सासूजी मने माफ करो...

एक बार आओजी जवाईजी पावणा......
थाने सुसराजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना
सुसराजी ने मालूम होवे बाप म्हारो सेहर गयो
म्हारे घर से लारलो काम
सुसराजी मने माफ करो

एक बार आओजी जवाईजी पावणा......
थाने साळीजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना
साळीजी ने मालुम होवे साढुजी ने भेजू हूँ
म्हारा साढुजी नाचेला सारी रात
साळीजी मने माफ करो

एक बार आओजी जवाईजी पावणा......
थाने बुवाजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना
बुवाजी ने मालुम होवे म्हारे भी बुवाजी आया
बुवासासुजी ने जोडू लंबा लंबा हाथ बुवाजी मने माफ करो

एक बार आओजी जवाईजी पावणा......
थाने लाडीजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना
लाडीजी बुलावे तो लाडोजी भी आवे है
मैं तो जाऊंला सासरिये आज साथिङा मने माफ करो

एक बार आओजी जवाईजी पावणा...........
थाने सासूजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना....
थाने सुसराजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना...
थाने साळीजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना....
थाने बुवाजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना...
थाने लाडीजी बुलावे घर आज जवाई लाड्कना...


2. उड़ उड़ रे उड़ उड़ रे
उड़ उड़ रे उड़ उड़ रे
उड़ उड़ रे म्हारा, काळा रे कागला
कद म्हारा पीव्जी घर आवे
कद म्हारा पीव्जी घर आवे , आवे र आवे
कद म्हारा पिव्जी घर आवे

उड़ उड़ रे म्हारा काळा र कागला
कद माहरा पीव्जी घर आवे

खीर खांड रा जीमण जीमाऊँ
सोना री चैंच मंढाऊ कागा
जद म्हारा पिव्जी घर आवे, आवे रे आवे
उड़ उड़ रे उड़ उड़ रे
म्हारा काळा र कागला
कद माहरा पीव्जी घर आवे

पगला में थारे बांधू रे घुघरा
गला में हार कराऊँ कागा
जद महारा पिव्जी घर आवे

उड़ उड़ रे
महारा काळा रे कागला
कद महारा पिव्जी घर आवे
उड़ उड़ र महारा काला र कागला
कद महरा पिव्जी घर आवे

जो तू उड़ने सुगन बतावे
जनम जनम गुण गाऊँ कागा
जद मारा पिव्जी घर आवे , आवे र आवे
जद म्हारा पिव्जी घर आवे

उड़ उड़ रे उड़ उड़ रे
उड़ उड़ रे उड़ उड़ रे महारा काळा रे कागला
कद म्हारा पिव्जी घर आवे
उड़ उड़ रे उड़ उड़ रे

उड़ उड़ रे उड़ उड़ रे म्हारा काळा रे कगला
जद म्हारा पिव्जी घर आवे

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