राजस्थान विधानसभा रे माथै 25 अगस्त 2003 णै एक प्रस्ताव ‘राजस्थानी भाषा’री मान्यता खातिर भारत रे संविधान’रि आठवीं अनुसूची में सामिळ करै ताणी एक प्रस्ताव पारित कियो ग्यो थो। जिमें कह्यौ ग्यौ कि
‘‘राजस्थान विधानसभा के सभी सदस्य सर्व सम्मति से यो संकल्प ळैवै है कि राजस्थानी भाषा णै संविधान रि आठवीं अनुसूची में सम्मिलित कियो जावै। राजस्थानी भाषा में विभिन्न जिलों में बोली जाने वाली भाषा या बोलियाँ यथा ब्रज, हाड़ौती, बागड़ी, ढूँढ़ाड़ी, मेवाड़ी, मारवाड़ी, मालवी, शेखावटी आद सामिल है।’’
अठै आपं ईं प्रस्ताव रि गम्भीरता पर विचार करैगां कि राजस्थानी भासा साथै धोखो कियो ग्यो है कै? जिं टैम यौ प्ररसताव विधानसभा में लियो ग्यो थो विं टैम भी असोकजी’रि सरकार थी। बिणासै पुछो जावै कि ये प्रस्ताव थो कि जैर?
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प्रमोद सराफ हमारे बीच नहीं रहें।
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* प्रमोद्ध सराफ एक स्मृति*
*-शम्भु चौधरी, कोलकाता-*
*"युवा शक्ति-राष्ट्र शक्ति" *का उदघोष करने वाले गुवाहाटी शहर के वरिष्ठ
अधिवक्ता और *अखिल भारतीय मारवा...
धोखो रो ठा कोणी पण न्याय कोणी हुयो अबार ताई !!!!
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